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23 Oct

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Published by Ram Diljale

            @@@@@@@@@ ( राम दिलजले ) राम दिलजले ) @@@@@@@@@@@@@ एक  दिन   खुदा ने  मुझसे  कहाँ : "मत  कर ईन्तिजार  इस  जनाम  में  उसका , मिल्न  मुश्किल  है .मैने  भी  कह  दिया : "लेने  दे  मजा  इन्तेज़रका , अग्ले  जनाम  में  तो  मुम्किन  है ."फिर  खुदा  ने  कहाँ : "मत  कर  इतना  प्यार  बहुत  पछ्तायेगा ."मुस्कुरा  के  मैने  कहाँ : "देखते  हैन  तु  कितना मुझे  तद्पयेगा ."फिर  खुदा  ने  कहाँ : "भूल  जा उसे , चल तुझे  जन्नत  कि  अप्सरा  से  मिलाता  हून ."मैने  कहाँ : "आ  नीचे  देख  मेरे  प्यार  का मुस्कुरता  चेहरा , तुझे  जन्नत  कि  अप्सरा  भुल्वाता  हून .गुस्से  में  खुदा  ने  कहाँ : "मत  भूल  अपनी  औकात  तु  तो  एक  इन्सान  है ."हाँस  कर  मैने  कहाँ : "तोह  मिल  दे  मुझे  मेरे  प्यार  से  और  साबित  कर  कि  तु  हि  भगवान  है ."  ;;राम दिलजले,,,,,,##################################################                                          &&&&&&&&&&&&& ( number २)*************** ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;सब्ज़बाग़ दिखा के दिल को बहका रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;उन जैसा आशिक कोई, मिले न जहान में;सावन के गीत वह फाल्गुन में गा रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थेइन्टरनेट जमाने के युवक भी अजीब है,कल शादी की तो आज तलाक़ दे रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे"लैला" आज की तो, अपने रंग दिखाती है;'मजनूँ' उसके कितने, आपस में लड़ रहे थे ?--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थेबदला ज़माना जो "राज़ी", बदले असूल हैं;क़िस्से 'हीर-राँझा' जैसे झूठे लग रहे थे |--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;;;;;;;;;;;^^^^^^^^^^^^राम दिलजले ++++++++++++++++ ______________________NUMBER  ,,,३ राम   दिलजले =========================== इसका रोना नहीं क्यों तुमने किया दिल बरबादइसका ग़म है कि बहुत देर में बरबाद किया।–मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिएतेरा वज़ूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।कहाँ से ढूँढ़ के लाऊँ चराग से वो बदनतरस गई हैं निग़ाहें कँवल-कँवल के लिए।कि कैसा तजर्बा मुझको हुआ है आज की रातबचा के धड़कनें रख ली हैं मैंने कल के लिए।–क्या बेमुरौव्वत ख़ल्क़ है सब जमा है बिस्मिल के पासतनहा मेरा क़ातिल रहा कोई नहीं क़ातिल के पास।–‘क़तील’ ज़ख़्म सहूँ और मुसकुराता रहूँबने हैं दायरे क्या-क्या मेरे अमल के लिए।–लाज़िम = Essential, Important, Necessaryख़ल्क़ = वोर्ल्ड   %%%%%%%%%%%%%%%%%% NUMBER 4 राम दिल्जले !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Dukh dard ke maaron se mera zikar na kerna...Ghar jao to yaaron se mera zikar na kerna...Woh zabt na ker payenge aankhon ke samandar...Tum raah guzaron se mera zikar na kerna...Phoolon ke nasheman mein raha hoon mein sada se...Dekho kabhi khaaron se mera zikar na kerna...Shayad ye andhere hi mujhe raah dikhayein...Ab chaand sitaron se mera zikar na kerna...Woh meri kahani ko galat rang na de dein...Afsana nigaaron se mera zikar na kerna...Shayad woh mere haal pe besakhta rodein...Is baar baharon se mera zikar na kerna...Le jayenge gehrayi mein tum ko bhi baha ker...Darya ke kinaron se mera zikar na kerna...Woh shakhs mile to usey har baat batana...Tum sirf isharon se mera zikar na kerna...................................................................... ????????????????????????NUMBER 5 /////////////////////////////////////////////////////////////////// Khile gulab ka murjhana bura lagta hai,Mohabat ka yu mar jana bura lagta hai..!Fasle mitana achhi baat hai ,par kisi or ka unke nazdik jana bura lagta hai..!Yu to chalti hai hawa roz fizao me,Par uska-unko chhu kar guzar jana bura lagta hai..!Unki hansi hai hume sabse pyari ,Par unka kisi ko dekhar muskarna bura lagta hai..!Intzar me unke bita denge sari zindgi,Lekin unka yu milke bichhad jana bura lagta hai..!Keh to dete hai hum roz bewafa unko ,Par kisi or ka un pe ilzam lagana bura lagta hai..!Wo naam tak na le humara zndgi bhar gam nhi,Par na jane kyu unke labo pe kisi or ka naam ana bura lagta hai?From:-   ////////////////////////////////////////////////////////////NUMBER 6 राम दिल्जले .........................'  अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोमैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानेये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामनकर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।–@@@@@@@@@@@राम दिल्जले #########################;;;;;;;;;;,,,,.'
            @@@@@@@@@ ( राम दिलजले ) राम दिलजले ) @@@@@@@@@@@@@ एक  दिन   खुदा ने  मुझसे  कहाँ : "मत  कर ईन्तिजार  इस  जनाम  में  उसका , मिल्न  मुश्किल  है .मैने  भी  कह  दिया : "लेने  दे  मजा  इन्तेज़रका , अग्ले  जनाम  में  तो  मुम्किन  है ."फिर  खुदा  ने  कहाँ : "मत  कर  इतना  प्यार  बहुत  पछ्तायेगा ."मुस्कुरा  के  मैने  कहाँ : "देखते  हैन  तु  कितना मुझे  तद्पयेगा ."फिर  खुदा  ने  कहाँ : "भूल  जा उसे , चल तुझे  जन्नत  कि  अप्सरा  से  मिलाता  हून ."मैने  कहाँ : "आ  नीचे  देख  मेरे  प्यार  का मुस्कुरता  चेहरा , तुझे  जन्नत  कि  अप्सरा  भुल्वाता  हून .गुस्से  में  खुदा  ने  कहाँ : "मत  भूल  अपनी  औकात  तु  तो  एक  इन्सान  है ."हाँस  कर  मैने  कहाँ : "तोह  मिल  दे  मुझे  मेरे  प्यार  से  और  साबित  कर  कि  तु  हि  भगवान  है ."  ;;राम दिलजले,,,,,,##################################################                                          &&&&&&&&&&&&& ( number २)*************** ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;सब्ज़बाग़ दिखा के दिल को बहका रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;उन जैसा आशिक कोई, मिले न जहान में;सावन के गीत वह फाल्गुन में गा रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थेइन्टरनेट जमाने के युवक भी अजीब है,कल शादी की तो आज तलाक़ दे रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे"लैला" आज की तो, अपने रंग दिखाती है;'मजनूँ' उसके कितने, आपस में लड़ रहे थे ?--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थेबदला ज़माना जो "राज़ी", बदले असूल हैं;क़िस्से 'हीर-राँझा' जैसे झूठे लग रहे थे |--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;;;;;;;;;;;^^^^^^^^^^^^राम दिलजले ++++++++++++++++ ______________________NUMBER  ,,,३ राम   दिलजले =========================== इसका रोना नहीं क्यों तुमने किया दिल बरबादइसका ग़म है कि बहुत देर में बरबाद किया।–मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिएतेरा वज़ूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।कहाँ से ढूँढ़ के लाऊँ चराग से वो बदनतरस गई हैं निग़ाहें कँवल-कँवल के लिए।कि कैसा तजर्बा मुझको हुआ है आज की रातबचा के धड़कनें रख ली हैं मैंने कल के लिए।–क्या बेमुरौव्वत ख़ल्क़ है सब जमा है बिस्मिल के पासतनहा मेरा क़ातिल रहा कोई नहीं क़ातिल के पास।–‘क़तील’ ज़ख़्म सहूँ और मुसकुराता रहूँबने हैं दायरे क्या-क्या मेरे अमल के लिए।–लाज़िम = Essential, Important, Necessaryख़ल्क़ = वोर्ल्ड   %%%%%%%%%%%%%%%%%% NUMBER 4 राम दिल्जले !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Dukh dard ke maaron se mera zikar na kerna...Ghar jao to yaaron se mera zikar na kerna...Woh zabt na ker payenge aankhon ke samandar...Tum raah guzaron se mera zikar na kerna...Phoolon ke nasheman mein raha hoon mein sada se...Dekho kabhi khaaron se mera zikar na kerna...Shayad ye andhere hi mujhe raah dikhayein...Ab chaand sitaron se mera zikar na kerna...Woh meri kahani ko galat rang na de dein...Afsana nigaaron se mera zikar na kerna...Shayad woh mere haal pe besakhta rodein...Is baar baharon se mera zikar na kerna...Le jayenge gehrayi mein tum ko bhi baha ker...Darya ke kinaron se mera zikar na kerna...Woh shakhs mile to usey har baat batana...Tum sirf isharon se mera zikar na kerna...................................................................... ????????????????????????NUMBER 5 /////////////////////////////////////////////////////////////////// Khile gulab ka murjhana bura lagta hai,Mohabat ka yu mar jana bura lagta hai..!Fasle mitana achhi baat hai ,par kisi or ka unke nazdik jana bura lagta hai..!Yu to chalti hai hawa roz fizao me,Par uska-unko chhu kar guzar jana bura lagta hai..!Unki hansi hai hume sabse pyari ,Par unka kisi ko dekhar muskarna bura lagta hai..!Intzar me unke bita denge sari zindgi,Lekin unka yu milke bichhad jana bura lagta hai..!Keh to dete hai hum roz bewafa unko ,Par kisi or ka un pe ilzam lagana bura lagta hai..!Wo naam tak na le humara zndgi bhar gam nhi,Par na jane kyu unke labo pe kisi or ka naam ana bura lagta hai?From:-   ////////////////////////////////////////////////////////////NUMBER 6 राम दिल्जले .........................'  अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोमैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानेये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामनकर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।–@@@@@@@@@@@राम दिल्जले #########################;;;;;;;;;;,,,,.'

@@@@@@@@@ ( राम दिलजले ) राम दिलजले ) @@@@@@@@@@@@@ एक दिन खुदा ने मुझसे कहाँ : "मत कर ईन्तिजार इस जनाम में उसका , मिल्न मुश्किल है .मैने भी कह दिया : "लेने दे मजा इन्तेज़रका , अग्ले जनाम में तो मुम्किन है ."फिर खुदा ने कहाँ : "मत कर इतना प्यार बहुत पछ्तायेगा ."मुस्कुरा के मैने कहाँ : "देखते हैन तु कितना मुझे तद्पयेगा ."फिर खुदा ने कहाँ : "भूल जा उसे , चल तुझे जन्नत कि अप्सरा से मिलाता हून ."मैने कहाँ : "आ नीचे देख मेरे प्यार का मुस्कुरता चेहरा , तुझे जन्नत कि अप्सरा भुल्वाता हून .गुस्से में खुदा ने कहाँ : "मत भूल अपनी औकात तु तो एक इन्सान है ."हाँस कर मैने कहाँ : "तोह मिल दे मुझे मेरे प्यार से और साबित कर कि तु हि भगवान है ." ;;राम दिलजले,,,,,,################################################## &&&&&&&&&&&&& ( number २)*************** ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;सब्ज़बाग़ दिखा के दिल को बहका रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;उन जैसा आशिक कोई, मिले न जहान में;सावन के गीत वह फाल्गुन में गा रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थेइन्टरनेट जमाने के युवक भी अजीब है,कल शादी की तो आज तलाक़ दे रहे थे ।--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे"लैला" आज की तो, अपने रंग दिखाती है;'मजनूँ' उसके कितने, आपस में लड़ रहे थे ?--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थेबदला ज़माना जो "राज़ी", बदले असूल हैं;क़िस्से 'हीर-राँझा' जैसे झूठे लग रहे थे |--------------ख़्वाबों से वह तो ख़ुद को, बहला रहे थे;;;;;;;;;;;^^^^^^^^^^^^राम दिलजले ++++++++++++++++ ______________________NUMBER ,,,३ राम दिलजले =========================== इसका रोना नहीं क्यों तुमने किया दिल बरबादइसका ग़म है कि बहुत देर में बरबाद किया।–मेरी नज़र से न हो दूर एक पल के लिएतेरा वज़ूद है लाज़िम मेरी ग़ज़ल के लिए।कहाँ से ढूँढ़ के लाऊँ चराग से वो बदनतरस गई हैं निग़ाहें कँवल-कँवल के लिए।कि कैसा तजर्बा मुझको हुआ है आज की रातबचा के धड़कनें रख ली हैं मैंने कल के लिए।–क्या बेमुरौव्वत ख़ल्क़ है सब जमा है बिस्मिल के पासतनहा मेरा क़ातिल रहा कोई नहीं क़ातिल के पास।–‘क़तील’ ज़ख़्म सहूँ और मुसकुराता रहूँबने हैं दायरे क्या-क्या मेरे अमल के लिए।–लाज़िम = Essential, Important, Necessaryख़ल्क़ = वोर्ल्ड %%%%%%%%%%%%%%%%%% NUMBER 4 राम दिल्जले !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Dukh dard ke maaron se mera zikar na kerna...Ghar jao to yaaron se mera zikar na kerna...Woh zabt na ker payenge aankhon ke samandar...Tum raah guzaron se mera zikar na kerna...Phoolon ke nasheman mein raha hoon mein sada se...Dekho kabhi khaaron se mera zikar na kerna...Shayad ye andhere hi mujhe raah dikhayein...Ab chaand sitaron se mera zikar na kerna...Woh meri kahani ko galat rang na de dein...Afsana nigaaron se mera zikar na kerna...Shayad woh mere haal pe besakhta rodein...Is baar baharon se mera zikar na kerna...Le jayenge gehrayi mein tum ko bhi baha ker...Darya ke kinaron se mera zikar na kerna...Woh shakhs mile to usey har baat batana...Tum sirf isharon se mera zikar na kerna...................................................................... ????????????????????????NUMBER 5 /////////////////////////////////////////////////////////////////// Khile gulab ka murjhana bura lagta hai,Mohabat ka yu mar jana bura lagta hai..!Fasle mitana achhi baat hai ,par kisi or ka unke nazdik jana bura lagta hai..!Yu to chalti hai hawa roz fizao me,Par uska-unko chhu kar guzar jana bura lagta hai..!Unki hansi hai hume sabse pyari ,Par unka kisi ko dekhar muskarna bura lagta hai..!Intzar me unke bita denge sari zindgi,Lekin unka yu milke bichhad jana bura lagta hai..!Keh to dete hai hum roz bewafa unko ,Par kisi or ka un pe ilzam lagana bura lagta hai..!Wo naam tak na le humara zndgi bhar gam nhi,Par na jane kyu unke labo pe kisi or ka naam ana bura lagta hai?From:- ////////////////////////////////////////////////////////////NUMBER 6 राम दिल्जले .........................' अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझकोमैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानेये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामनकर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।बादाह फिर बादाह है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।–@@@@@@@@@@@राम दिल्जले #########################;;;;;;;;;;,,,,.'

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प्रेमको फुल फुल फुल्न नपाई कोपिलामै ओइलाय्छु म आझ सपनी मा पनि तिमि नै हौ भनि बोलाय्छु म आझ के बुज थिउ तिमि ले म ढुखी को माया लाई चाहेर पनि हटाउन सकिन मै ले मेरो छायालाई पानि छ सुके को बगरमा म पनि खोज्न पुगेछु किउँ मा अरु पनि थिय म निस्टुरी लै नै रोज्न पुगेछु ,,,,,,राम दिलजले ///////////////////////////////////////////////////// ये दिल रोता है तेरि मोहब्बद को याद कर्के. ये आंखे बर्सती है कभि तेरी बेवफाई पे. ये सोच्ता हुं मै कि किस तरह भुलुं तुझे. ये जान्ता हुं उम्र भर न भुलुं तुझे. फैसला नहिकर पाता नजाने क्यु में खुदको सजा देता हुं. निकलता हु हरबार तुझ्को दिल्से. और फिर भि तेरी यादो में खोया रहता हुं...।।/////////////////////// ////////////////////////////////////////////\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\ Just Say I Love You|English Poetry When I am glad, you are in my smile, When I am sad, you are in my tears, when I am walking, you are in my step, When I am sleeping, you are in my dreams, I think these are special feelings, If I were an artist, I would paint my feelings, If I were a poetess, I would quote my feelings, But I am an ordinary girl, So I just say, I Love You. राम दिलजले & राम बती ///////////////////////////////////////////////

November 21 2014